Saturday, 6 August 2016

                                             अपठित गद्यांश   ११
गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म २ अक्टूबर  सन १८६९ में गुजरात के पोरबन्दर नामक शहर में हुआ था । इनकी माता पुतलीबाई तथा पिता करमचंद गांधी थे ।  माता पुतलीबाई बड़ी ही धार्मिक विचारों की महिला थीं  । गांधी जी का विवाह कस्तूरबा जी के साथ हुआ था। कानून की पढ़ाई उन्होंने इंग्लॅण्ड से की थी । गांधी जी को छुआछूत में जरा सा भी विश्वास नहीं था  । उन्होंने इस बुराई को समाप्त करने का भरपूर प्रयास भी किया। अंग्रेजों से भारत को स्वतंत्र कराने में गांधी जी ने अनेक आंदोलन किये जिनमे -असहयोग आंदोलन ,सत्याग्रह आंदोलन, डांडी यात्रा या नमक आंदोलन मुख्य है। स्वतंत्रता की लड़ाई में उनके हथियार सत्य एवं अहिंसा ही थे ।   उन्होंने इन्ही के बल पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया था। हम आज जिस खुली हवा में सांस ले रहे है वह सब हमे गांधी जी तथा सुभाषचंद बॉस, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद डा भीमराव अम्बेडकर तथा  बल्लभभाई पटेल जैसे नेताओं के प्रयासों से ही मिली है। हमारा कर्त्तव्य है कि हम न केवल अपने देश की स्वतंत्रता को बनाये रखे बल्कि अपने सुकर्मों से देश को पुनः विश्वगुरु बनाये ।
प्रश्न - गांधीजी   का  जन्म  कब  तथा  कहाँ  हुआ  था ?
प्रश्न -  इनके माता-पिता कौन थे ?
प्रश्न -  गांधीजी ने किस बुराई को समाप्त करने का प्रयास किया ?
प्रश्न-  गांधीजी के दो हथियारों के नाम लिखिए
प्रश्न -  देश के प्रति हमारा क्या कर्त्तव्य है ?
                   उत्तर पत्र
 उत्तर १-गांधीजी जन्म २ अक्टूबर  सन १८६९ में गुजरात के पोरबन्दर नामक शहर में हुआ था ।    उत्तर  २ -इनकी माता पुतलीबाई तथा पिता करमचंद गांधी थे ।
 उत्तर ३ गांधी जी ने छुआछूत जैसी बुराई को समाप्त करने का प्रयास किया  
 उत्तर -गांधीजी के दो हथियार सत्य एवं अहिंसा ही थे ।
 उत्तर -हमारा कर्त्तव्य है कि हम न केवल अपने देश की स्वतंत्रता को बनाये रखे बल्कि अपने सुकर्मों से देश को पुनः विश्वगुरु बनाये ।

Monday, 18 July 2016

                    अपठित गद्यांश १०
वर्तमान समय में विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली है |इस उन्नति ने हमें हर कार्य करने के लिए अलग -अलग उपकरण प्रदान किये हैं| जैसे - कपडे धोने के लिए  मशीन ,कपडे सिलने के लिए सिलाई मशीन , आटा पीसने की मशीन ,सब्जी काटने की मशीन , पानी ठंडा करने तथा भोजन को लम्बे समय तक ताज़ा रखने के लिए रेफ्रिजरेटर और भी जाने कितनी ही मशीनों ने हमारे घरों में अपनी जगह बना ली है | इन मशीनों के कारण मनुष्यों में शारीरिक श्रम की प्रवृत्ति लगभग समाप्त हो चुकी है एवं विभिन्न बीमारियों ने शरीर में अपना घर बना लिया है | प्राचीन काल में मशीन तो नहीं थीं किन्तु सभी कार्य सरलता एवं सुगमता से होते थे साथ ही शारीरिक श्रम के कारण मनुष्यों के शरीर निरोगी एवं सुगठित होते थे | सभी मानव लम्बे कद के तथा कम से कम शतायु तो अवश्य होते थे | आज हमें तरह -तरह की बीमारियों ने जकड़ रखा है | इससे हम केवल रोगी हैं बल्कि अल्पायु भी होने लगे हैं | हमें मशीनों पर अपनी निर्भरता को समाप्त कर शारीरिक श्रम के महत्त्व को समझना होगा | जब हम स्वस्थ्य होंगे तभी हम किसी भी कार्य को पूरे मन से सफलता पूर्वक कर पाएँगे | स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है और स्वस्थ मस्तिष्क ही सफलता की सीढ़ी के द्वार खोलता है| अतः हमें मशीनों पर अपनी निर्भरता को रोकना चाहिए और शारीरिक श्रम के महत्त्व को पहचानकर प्रतिदिन श्रम करना चाहिए | शारीरिक श्रम को अपनाकर ही हम अपना सच्चा विकास कर पाएँगे |
प्रश्न - गद्यांश से ता प्रत्यय वाले शब्द छांट कर लिखिए |
प्रश्न - किन्हीं चार घरेलू मशीनों के नाम लिखिए |
प्रश्न - गद्यांश में क्या अपनाने पर विशेष बल दिया गया है ?
प्रश्न - इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए - श्रम,  उन्नति
प्रश्न - बताइए कि सफलता की सीढ़ी के द्वार किस प्रकार खुलते हैं ?
प्रश्न - संयुक्त अक्षरों वाले चार शब्द लिखिए |
प्रश्न - प्राचीन काल में मनुष्य शतायु क्यों होते थे ?
प्रश्न - शारीरिक श्रम करने के कारण मनुष्य को किसने जकड़ा है ?
प्रश्न - हम अपना विकास कैसे कर सकते हैं ?
प्रश्न -१० गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |
                उत्तर पत्र
उत्तर-१  सरलता एवं सुगमता 
उत्तर - -1 कपडे धोने के लिए  मशीन ,
              -कपडे सिलने के लिए सिलाई मशीन
              - आटा पीसने की मशीन ,सब्जी काटने की मशीन
              -पानी ठंडा करने तथा भोजन को लम्बे समय तक ताज़ा रखने के लिए रेफ्रिजरेटर   
उत्तर -3 - शारीरिक श्रम को  
उत्तर - --श्रम- परिश्रम ,मेहनत, - उन्नति -विकास , प्रगति   
 उत्तर -  स्वस्थ मस्तिष्क ही सफलता की सीढ़ी के द्वार खोलता है|
उत्तर - - स्वस्थ    मस्तिष्क उन्नति सब्जी
उत्तर- -शारीरिक श्रम कर निरोगी रहकर
उत्तर - बीमारियों ने
उत्तर - शारीरिक श्रम को अपनाकर ही हम अपना सच्चा विकास कर पाएँगे |

उत्तर -१० शारीरिक श्रम का महत्त्व

Monday, 27 June 2016

                      अपठित गद्यांश ९
रंग -बिरंगे फूल  किसका मन नहीं मोह लेते I अर्थात फूल  सभी को   प्रिय होते हैं I जब कभी हम फूलों से भरे बगीचे के समीप से गुजर रहे होते हैं  तो फूलों की सुगंध हमें बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है I फूलों  को हम  अन्य नामो से भी  पुकारते हैं - पुष्प,सुमन ,कुसुम एवं प्रसून आदि इसी प्रकार फूल कई तरह के होते हैं  जैसे- गुलाब , बेला,चमेली गेंदा आदि फूल हमारे जीवन में अपना विशिष्ठ स्थान रखते हैं -जन्मोत्सव हो अथवा विवाह , पूजा का अवसर हो या किसी के स्वागत की तैयारी , किसी  त्योहार पर रंगोली बनानी हो या भगवान के लिए माला अथवा गहने हमें फूलों की आवश्यकता होती है I क्या आप जानते हैं क़ि हम लोग जिस  सुगन्धित  इत्र का प्रयोग करते हैं वह भी फूलो से बनता है I गुलाब के फूलों का गुलकंद बनता है जो हमारे शरीर को ठंडक देता है गुलाब के रस से गुलाब जल बनता है जो आँखों के लिए बड़ा लाभकारी है I तो देखा आपने फूल किस प्रकार हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग हैं I हाँ ,एक विशेष बात  फूलों की, कि ये बिना किसी भेद -भाव के अपनी सुगंध सबको देते हैं I इनके लिए न कोई छोटा है न बड़ा , न कोई गरीब है न अमीर - फूल सबको अपनी सुगंध बिना शर्त बाँटते हैं I

प्रश्न-१ - ऊपर लिखे अनुच्छेद को आप क्या नाम (शीर्षक ) देना चाहेंगे ?
प्रश्न-२- फूलों के कोई  अन्य  दो नाम लिखिए  I   
प्रश्न-३- फूलों को हम किस-किस उपयोग में लाते हैं ?
प्रश्न-४-गुलाब के फूल से क्या-क्या बनता है ?
प्रश्न -५-जो फूल आपको पसंद हो उसका नाम लिखिए  I

                   उत्तर पत्र
उत्तर १- मैं अनुच्छेद को "रंग -बिरंगे फूलनाम (शीर्षक ) देना चाहती /चाहता हूँ 
उत्तर-२-फूलों के कोई अन्य दो नाम "पुष्प और सुमन" हैं I
उत्तर ३-रंगोली,इत्र,गुलाब जल,माला अथवा गहने, गुलकंद आदि बनाने के उपयोग में लाते हैं |
उत्तर ४-गुलाब के फूल से गुलाब जल,गुलकंद आदि बनता है |  
उत्तर -५ मुझे गुलाब बेला,चमेली आदि फूल पसंद हैं |
                               अपठित गद्यांश



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                                                                उत्तर पत्र 
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mRrj 2&tks O;fDr fdlh dh fuank djrk gS] og fo”oluh; ugha gksrkA
mRrj 3&thou esa ln~xq.kksa dks viukdj ge viuk var%dj.k “kq) dj ldrs gSa A
mRrj 4&“kCnksa ds vFkZ gSa & fuank का अर्थ है& बुराई ,ln~xq.k का अर्थ है&अच्छे गुणA
mRrj 5&गद्यांश से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए बल्कि हमारे मन में वसुधैव कुटुम्बकम की  भावना होनी चाहिए | 

अपठित गद्यांश
बच्चों क्या आपने कभी ऐसा पक्षी देखा है जिसके सिर पर  मोर की ही तरह  मुकुट होता है जी हाँ मुकुट ! इसके पंख ही इसके   मुकुट की तरह होते हैं | यह पक्षी इस्रायल का राष्ट्रीय पक्षी है | इसका नाम भी थोड़ा अजीब सा है "हुदहुद "| यह तितली की तरह उड़ान भरता है| यह अपने पंखों को इकठ्ठा करे जोर से छोड़ता है | इसकी चोंच लम्बी और काफी मजबूत होती है| भोजन की तलाश में यह अपनी चोंच धरती में गड़ा देता है और शिकार मिलने पर धरती के अंदर ही  चोंच खोलकर शिकार को पकड़कर खा जाता है | यह कई प्रकार के वातावरण में रह सकता है | ठन्डे हो या गर्म क्षेत्र यह सभी जगह आसानी से रह सकता है | हुदहुद का एक नाम और है हुप्पी| यह नाम इसकी आवाज के कारण ही पड़ा है | इसका भोजन छोटे-छोटे कीट ,जमीन के अंदर रहने वाले केंचुआ ,कीट आदि हैं| यह खुले जंगलों में, शहर में पार्कों के आसपास देख जा सकता है| यह अपना घोंसला पेड़ों की खोल ,कोटर तथा पत्थरों की दरारों के बीच में बनाता है | इसके अंडे से जब तक चूजे नहीं निकलते मादा पक्षी घोंसले में रहकर अण्डों की रक्षा करती है | नर पक्षी उसके लिए खाना लाता है|  शिकारियों से बचने के लिए ये घोंसले  के  आसपास बदबू फैला लेते हैं |
प्रश्न- इस्रायल के राष्ट्रीय पक्षी का क्या नाम है ?
प्रश्न - इस पक्षी की उड़ान किसकी तरह होती है ?
प्रश्न -यह अपना घोंसला कहाँ -कहाँ बना सकता है ?
प्रश्न -इसका भोजन क्या है ?
प्रश्न -शिकारियों से बचने के लिए यह क्या उपाय करता है ?
                                                                  उत्तर पत्र 

 उत्तर- इस्रायल का राष्ट्रीय पक्षी "हुदहुद " है |
 उत्तर- इस पक्षी की उड़ान तितली की तरह होती है |
 उत्तर -यह अपना घोंसला पेड़ों की खोल ,कोटर तथा पत्थरों की दरारों के बीच में बनाता है |
 उत्तर -इसका भोजन छोटे-छोटे कीट ,जमीन के अंदर रहने वाले केंचुआ ,कीट आदि हैं|
 उत्तर -शिकारियों से बचने के लिए ये घोंसले  के  आसपास बदबू फैला लेते हैं |