Tuesday, 11 April 2017

                                                        अपठित १९
एक  बार कोई  महात्मा तपस्या में लीन थे | उनके समीप से एक चोर गुजर रहा था | चोर ने महात्मा जी को ध्यानावस्था में देखा तो उसे एक शरारत सूझी | उसने चोरी की हुई एक तलवार महात्मा जी के समीप रख दी और वहाँ से भाग गया | तपस्या पूरी होने पर महात्मा जी ने आँखें खोली तो पास में रखी तलवार को देखा | महात्मा जी दुनिया से बेखबर रहने वाले बिलकुल सीधे -सच्चे संत थे | उन्होंने पहले कभी तलवार नहीं देखी थी | उन्होंने तलवार उठाई तो तलवार छिटककर एक पौधे को काटती हुई दूर जा गिरी | महात्मा जी ने कटे पौधे को देखा तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ | अब मजे -मजे में उन्होंने हर चीज को काटना शुरू कर दिया | लोग बड़े परेशान हो गए , यहाँ तक कि देवतागण भी दुखी होकर ईश्वर से प्रार्थना करे लगे कि किसी प्रकार महात्मा जी को रोका जाए | भगवान ने सबकी प्रार्थना सुनी और सोते हुए महात्मा जी के पास से तलवार उठा ली और उसके स्थान पर एक कलम रख दी | सुबह जागने पर महात्मा जी ने कलम को देखा तो कलम एक अलोकिक प्रकाश से जगमगा रही थी | उन्होंने उसे उठाया और पत्ते पर रखा उस पर कुछ शब्द उभर आये | अब तो महात्मा जी की ख़ुशी का ठिकाना न रहा और वे भगवत भक्ति की रचनाएं करने लगे | महात्मा जी ने जो कुछ लिखा वह अदभुत था , उसे पढ़कर लोग उनकी जय-जयकार करने लगे |
उपरोक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों  के सही उत्तर चुनिए  -

प्रश्न १-तपस्या कौन कर रहा था ?
क - राजा                   ख -मुनि                  ग-चोर                    घ- महात्मा

प्रश्न २- महात्मा जी के पास चोर ने क्या रखा ?
क-तलवार                  ख-कलम            ग - कपड़े             घ- भोजन

प्रश्न ३-महात्मा जी कैसे स्वभाव के थे ?
क-क्रोधी                    ख-नम्र               ग-चालक                  घ-सीधे-सच्चे संत

प्रश्न ४-महात्मा जी के हाथ से तलवार छूटने  पर क्या हुआ ?
क- शेर के पैर पर गिरी                                         ख- महात्मा जी के हाथ पर गिरी              

ग- एक पौधे को काटती हुई दूर जा गिरी                 घ-उड़ती चिड़िया के पंखों को काटती गिर पड़ी

प्रश्न ५- गद्यांश में आई चार जातिवाचक संज्ञा छांटकर लिखिए-
१-                                       २-                                 ३-                                   ४-

प्रश्न ६-गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए-

प्रश्न ७- तलवार पाकर महात्मा जी ने क्या किया ?

प्रश्न ८ -महात्मा जी के व्यवहार से कौन-कौन दुखी हुआ ?

प्रश्न ९- प्रार्थना सुनकर भगवान ने क्या किया ?

प्रश्न १०- कलम पाकर महात्मा जी के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया ?

Friday, 7 April 2017



                              अपठित १८ 



भारतीय संस्कृति की अपनी अनेक  विशेषताएं हैं | साँझी संस्कृति के कारण भारत को विश्व में महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है | अनेक भाषाओँ और बोलियों के होते हुए भी भारतवासी एक दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं | विविधता में एकता भारत की अस्मिता की पहचान है | आज सम्पूर्ण विश्व में प्रेम और सदभाव की कमी खटक रही है | मानव-मानव के प्रति कठोर होता जा रहा है | यदि देख जाए तो आज वसुधैव कुटुम्बकम की नीति का पालन करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए | संगठन और प्रेम में जितनी शक्ति होती है उतनी किसी अन्य चीज में नहीं है | व्यक्ति के  सुख में सुख का अनुभव और दुःख में दुःख का अनुभव करना ही मानवता की सच्ची पहचान है |

उपरोक्त गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

प्रश्न-१ भारतीय संस्कृति की क्या विशेषताएँ हैं ? स्वविवेक से उत्तर दें |

प्रश्न २-गद्यांश में आये किन्ही दो संयुक्ताक्षरों को लिखिए |

प्रश्न ३- इन शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-

क -प्रेम ↔                      ख     एकता

प्रश्न ४- भारत में बोली जाने वाली किन्हीं दो बोलियों के नाम लिखिए |

प्रश्न ५ –“ मानव - मानव के प्रति कठोर होता जा रहा है “ कैसे ? आज की विश्व की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उत्तर दें |