अपठित १९
एक बार कोई महात्मा तपस्या में लीन थे | उनके समीप से एक चोर गुजर रहा था | चोर ने महात्मा जी को ध्यानावस्था में देखा तो उसे एक शरारत सूझी | उसने चोरी की हुई एक तलवार महात्मा जी के समीप रख दी और वहाँ से भाग गया | तपस्या पूरी होने पर महात्मा जी ने आँखें खोली तो पास में रखी तलवार को देखा | महात्मा जी दुनिया से बेखबर रहने वाले बिलकुल सीधे -सच्चे संत थे | उन्होंने पहले कभी तलवार नहीं देखी थी | उन्होंने तलवार उठाई तो तलवार छिटककर एक पौधे को काटती हुई दूर जा गिरी | महात्मा जी ने कटे पौधे को देखा तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ | अब मजे -मजे में उन्होंने हर चीज को काटना शुरू कर दिया | लोग बड़े परेशान हो गए , यहाँ तक कि देवतागण भी दुखी होकर ईश्वर से प्रार्थना करे लगे कि किसी प्रकार महात्मा जी को रोका जाए | भगवान ने सबकी प्रार्थना सुनी और सोते हुए महात्मा जी के पास से तलवार उठा ली और उसके स्थान पर एक कलम रख दी | सुबह जागने पर महात्मा जी ने कलम को देखा तो कलम एक अलोकिक प्रकाश से जगमगा रही थी | उन्होंने उसे उठाया और पत्ते पर रखा उस पर कुछ शब्द उभर आये | अब तो महात्मा जी की ख़ुशी का ठिकाना न रहा और वे भगवत भक्ति की रचनाएं करने लगे | महात्मा जी ने जो कुछ लिखा वह अदभुत था , उसे पढ़कर लोग उनकी जय-जयकार करने लगे |
उपरोक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए -
प्रश्न १-तपस्या कौन कर रहा था ?
क - राजा ख -मुनि ग-चोर घ- महात्मा
प्रश्न २- महात्मा जी के पास चोर ने क्या रखा ?
क-तलवार ख-कलम ग - कपड़े घ- भोजन
प्रश्न ३-महात्मा जी कैसे स्वभाव के थे ?
क-क्रोधी ख-नम्र ग-चालक घ-सीधे-सच्चे संत
प्रश्न ४-महात्मा जी के हाथ से तलवार छूटने पर क्या हुआ ?
क- शेर के पैर पर गिरी ख- महात्मा जी के हाथ पर गिरी
ग- एक पौधे को काटती हुई दूर जा गिरी घ-उड़ती चिड़िया के पंखों को काटती गिर पड़ी
प्रश्न ५- गद्यांश में आई चार जातिवाचक संज्ञा छांटकर लिखिए-
१- २- ३- ४-
प्रश्न ६-गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए-
प्रश्न ७- तलवार पाकर महात्मा जी ने क्या किया ?
प्रश्न ८ -महात्मा जी के व्यवहार से कौन-कौन दुखी हुआ ?
प्रश्न ९- प्रार्थना सुनकर भगवान ने क्या किया ?
प्रश्न १०- कलम पाकर महात्मा जी के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया ?
एक बार कोई महात्मा तपस्या में लीन थे | उनके समीप से एक चोर गुजर रहा था | चोर ने महात्मा जी को ध्यानावस्था में देखा तो उसे एक शरारत सूझी | उसने चोरी की हुई एक तलवार महात्मा जी के समीप रख दी और वहाँ से भाग गया | तपस्या पूरी होने पर महात्मा जी ने आँखें खोली तो पास में रखी तलवार को देखा | महात्मा जी दुनिया से बेखबर रहने वाले बिलकुल सीधे -सच्चे संत थे | उन्होंने पहले कभी तलवार नहीं देखी थी | उन्होंने तलवार उठाई तो तलवार छिटककर एक पौधे को काटती हुई दूर जा गिरी | महात्मा जी ने कटे पौधे को देखा तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ | अब मजे -मजे में उन्होंने हर चीज को काटना शुरू कर दिया | लोग बड़े परेशान हो गए , यहाँ तक कि देवतागण भी दुखी होकर ईश्वर से प्रार्थना करे लगे कि किसी प्रकार महात्मा जी को रोका जाए | भगवान ने सबकी प्रार्थना सुनी और सोते हुए महात्मा जी के पास से तलवार उठा ली और उसके स्थान पर एक कलम रख दी | सुबह जागने पर महात्मा जी ने कलम को देखा तो कलम एक अलोकिक प्रकाश से जगमगा रही थी | उन्होंने उसे उठाया और पत्ते पर रखा उस पर कुछ शब्द उभर आये | अब तो महात्मा जी की ख़ुशी का ठिकाना न रहा और वे भगवत भक्ति की रचनाएं करने लगे | महात्मा जी ने जो कुछ लिखा वह अदभुत था , उसे पढ़कर लोग उनकी जय-जयकार करने लगे |
उपरोक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए -
प्रश्न १-तपस्या कौन कर रहा था ?
क - राजा ख -मुनि ग-चोर घ- महात्मा
प्रश्न २- महात्मा जी के पास चोर ने क्या रखा ?
क-तलवार ख-कलम ग - कपड़े घ- भोजन
प्रश्न ३-महात्मा जी कैसे स्वभाव के थे ?
क-क्रोधी ख-नम्र ग-चालक घ-सीधे-सच्चे संत
प्रश्न ४-महात्मा जी के हाथ से तलवार छूटने पर क्या हुआ ?
क- शेर के पैर पर गिरी ख- महात्मा जी के हाथ पर गिरी
ग- एक पौधे को काटती हुई दूर जा गिरी घ-उड़ती चिड़िया के पंखों को काटती गिर पड़ी
प्रश्न ५- गद्यांश में आई चार जातिवाचक संज्ञा छांटकर लिखिए-
१- २- ३- ४-
प्रश्न ६-गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए-
प्रश्न ७- तलवार पाकर महात्मा जी ने क्या किया ?
प्रश्न ८ -महात्मा जी के व्यवहार से कौन-कौन दुखी हुआ ?
प्रश्न ९- प्रार्थना सुनकर भगवान ने क्या किया ?
प्रश्न १०- कलम पाकर महात्मा जी के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया ?
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