Sunday, 11 February 2018



                             अपठित २८ 
अहंकार एक ऐसा दुर्गुण है जो क्रमशः मनुष्य का,परिवार का ,समाज का देश का और अंततः मानव जाति का नाश कर डालता है | अहंकारवश मनुष्य पापकर्म करता रहता है और इसी का प्रतिफल उसे जन्म-जन्मान्तर भुगतना पड़ता है | अहंकार एक राक्षसी प्रवृत्ति है | इस प्रवृत्ति की छाया में अन्य दुर्गुण एकत्रित होकर मनुष्य को पूरा राक्षस बना देते हैं | हमारे धर्म ग्रन्थों में राक्षसों की चर्चा हर युग में मिलती है | आज भी राक्षसी प्रवृत्तियों वाले लोग बहुतायत मिल जाते हैं | ऐसे लोगों के बारे में तो तुलसीदास जी का रामचरितमानस में लिखित कथन आज भी उतना ही सत्य है कि राक्षस मौका मिलने पर अपने हितैषियों का भी अहित करने से नहीं चूकते | दूसरों के अहित में ही इन्हें अपना लाभ दिखाई देता है | दूसरों के उजड़ने में इन्हें हर्ष एवं उनकी उन्नति में ये बेहद कष्ट का अनुभव होता है | ये दूसरों की बुराई करते हैं | दूसरों के दोषों को असंख्य नेत्रों से देखते हैं | दूसरों का काम बिगाड़ने के लिए दूध में मक्खी की भांति गिर जाते हैं | ये दूसरों का काम बिगाड़ने के लिए अपने प्राण तक गँवा देते हैं | अहंकार के कारण ये ईश्वर पर विश्वास न कर अपने ही निर्णयों को सर्वश्रेष्ठ मान दूसरों पर थोपने का प्रयास करते हैं | राक्षसी प्रवृत्ति के लोग नैतिक को अनैतिक मानते हैं, इस कारण आस-पास का वातावरण नकारात्मक हो जाता है | ऐसी बुरी प्रवृत्ति की बढ़त के कारण पृथ्वी ने प्रभु के समक्ष निवेदन किया कि “हे भगवान मुझे पर्वत ,वृक्षों आदि का भार इतना महसूस नहीं होता जितना नकारात्मक एवं दुष्प्रवृत्ति के लोगों के कारण होता है”| ऐसे लोगों को अपने दुष्कर्मों का प्रतिफल आने वाले जन्मों में भोगना ही पड़ता है | अतः मनुष्य को स्वाध्याय के माध्यम अपने भीतर झाँकना चाहिए एवं उस द्वार को पूर्णतः कसकर बंद कर देना चाहिए जहाँ से दुष्प्रवृत्तियों के आने की संभावना हो | इस प्रयास से ही मानवता जीवित रह पाएगी तथा धरती माँ भी सही अर्थों में वसुन्धरा बन पाएगी |
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
प्रश्न १- अहंकार के बारे में आपके क्या विचार हैं ? कम से कम तीन वाक्यों में स्पष्ट करिए |  
प्रश्न २- गद्यांश में प्रयुक्त कहावत को लिखिए | १
प्रश्न ३- कैसे लोगों के कारण वातावरण नकारात्मक हो जाता है ? १
प्रश्न ४- पृथ्वी ने भगवान से क्या निवेदन किया था ? १
प्रश्न ५- गद्यांश से पृथ्वी शब्द के दो पर्यायवाची शब्द ढूंढ़कर लिखिए | १
प्रश्न ६- गद्यांश से दो शब्द उपसर्ग वाले तथा दो शब्द प्रत्यय ढूंढ़कर लिखिए | २
प्रश्न ७- इन शब्दों के विलोम शब्द लिखिए -१  
क-  लाभ x -----------------     ख- धरती x -----------------------

Saturday, 3 February 2018

अपठित गद्यांश ! समस्या नहीं , अब केवल समाधान :                         अपठित २७    कहते हैं न कि...


कहते हैं न कि...
:                          अपठित २७      कहते हैं न कि यदि लगन लग जाए तो कोई भी कार्य पूर्ण होते देर नहीं लगती | और यदि लगन रचनात्मक एवं सक...
                        अपठित २६    
कहते हैं न कि यदि लगन लग जाए तो कोई भी कार्य पूर्ण होते देर नहीं लगती | और यदि लगन रचनात्मक एवं सकारात्मक हो तो वह प्रतिष्ठा एवं ख्याति अर्जित कर लेती है | लगन को हम धुन भी कह सकते हैं, जैसे तुलसीदास जी को रामधुन लगी तो रामचरितमानस जैसी कालजयी कृति  की रचना हुई | मीराबाई ,चैतन्य आदि ने तो गिरधर गोपाल की धुन में ही जीवन व्यतीत किया | वर्तमान समय में भी कुछ परोपकारी समाज सेवियों द्वारा समाज के उत्थान एवं कल्याण की लगन कुछ इस प्रकार सामने आ रही है कि लोग अपने आस-पास के निर्धन तथा पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने  का कार्य कर समाज को नयी दशा एवं दिशा प्रदान कर रहे हैं | किसी को सर्दियों के मौसम में ठिठुरते लोगों को कम्बल ओढ़ाने की लगन है तो किसी को गरम चाय की दो चुस्कियों से राहत पहुँचाने की लगन है | इतना ही नहीं हमारी प्राचीन परम्पराओं तथा संस्कृति को आगे बढ़ाने की लगन भी प्रायः देखने को मिलती है पक्षियों को दाना डालने की , पानी पिलाने की तथा घायल पशु-पक्षियों का उपचार आदि कार्य के रूप में | कुछ समय पहले एक किस्सा सामने आया था कि कोई एक व्यक्ति किसी लावारिस लाश का दाह संस्कार कर देता था | कितना बड़ी एवं सकारत्मक सोच है| अतः लगन का मुद्दा कोई भी हो रचनात्मकता एवं सकारात्मकता अवश्य होनी चाहिए, जिससे समाज को सही दशा, दिशा एवं वसुधैव कुटुम्बकम का सन्देश मिल सके |   
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
प्रश्न १ – गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यय (किन्हीं दो )शब्दों को चुनिए तथा प्रत्यय एवं शब्दों को अलग-अलग करके लिखिए | २
प्रश्न २- जीवन में लगन क्या रूप होना चाहिए ? स्पष्ट करें | १
प्रश्न ३- सकारात्मक लगन से हम क्या अर्जित कर सकते हैं ? १
प्रश्न ४ - तुलसीदास जी की कृति में किस महान चरित्र की जीवन गाथा है ? कृति एवं चरित्र का नाम बताएँ | १.५
प्रश्न ५- यदि आपको अपने आस-पास निर्धन-लाचार या बेबस लोग दिखें,तो आप उनके लिए क्या करना चाहेंगे ? स्पष्ट करें | १.५  
प्रश्न ६- आप अनुच्छेद को क्या नाम देना चाहेंगे ? १
प्रश्न ७- निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध करिए – २
क – राचनात्मक            ख –आप-पास
ग- शिकषित               घ- संसकृति