अपठित २६
कहते हैं न कि यदि
लगन लग जाए तो कोई भी कार्य पूर्ण होते देर नहीं लगती | और यदि लगन रचनात्मक एवं
सकारात्मक हो तो वह प्रतिष्ठा एवं ख्याति अर्जित कर लेती है | लगन को हम धुन भी कह
सकते हैं, जैसे तुलसीदास जी को रामधुन लगी तो रामचरितमानस जैसी कालजयी कृति की रचना हुई | मीराबाई ,चैतन्य आदि ने तो गिरधर
गोपाल की धुन में ही जीवन व्यतीत किया | वर्तमान समय में भी कुछ परोपकारी समाज
सेवियों द्वारा समाज के उत्थान एवं कल्याण की लगन कुछ इस प्रकार सामने आ रही है कि
लोग अपने आस-पास के निर्धन तथा पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर समाज को नयी दशा एवं दिशा प्रदान कर
रहे हैं | किसी को सर्दियों के मौसम में ठिठुरते लोगों को कम्बल ओढ़ाने की लगन है
तो किसी को गरम चाय की दो चुस्कियों से राहत पहुँचाने की लगन है | इतना ही नहीं
हमारी प्राचीन परम्पराओं तथा संस्कृति को आगे बढ़ाने की लगन भी प्रायः देखने को
मिलती है – पक्षियों को दाना
डालने की , पानी पिलाने की तथा घायल पशु-पक्षियों का उपचार आदि कार्य के रूप में |
कुछ समय पहले एक किस्सा सामने आया था कि कोई एक व्यक्ति किसी लावारिस लाश का दाह
संस्कार कर देता था | कितना बड़ी एवं सकारत्मक सोच है| अतः लगन का मुद्दा कोई भी हो
रचनात्मकता एवं सकारात्मकता अवश्य होनी चाहिए, जिससे समाज को सही दशा, दिशा एवं
वसुधैव कुटुम्बकम का सन्देश मिल सके |
गद्यांश को
ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
प्रश्न १ – गद्यांश
में प्रयुक्त प्रत्यय (किन्हीं दो )शब्दों को चुनिए तथा प्रत्यय एवं शब्दों को
अलग-अलग करके लिखिए | २
प्रश्न २- जीवन में
लगन क्या रूप होना चाहिए ? स्पष्ट करें | १
प्रश्न ३- सकारात्मक
लगन से हम क्या अर्जित कर सकते हैं ? १
प्रश्न ४ - तुलसीदास
जी की कृति में किस महान चरित्र की जीवन गाथा है ? कृति एवं चरित्र का नाम बताएँ |
१.५
प्रश्न ५- यदि आपको
अपने आस-पास निर्धन-लाचार या बेबस लोग दिखें,तो आप उनके लिए क्या करना चाहेंगे ?
स्पष्ट करें | १.५
प्रश्न ६- आप
अनुच्छेद को क्या नाम देना चाहेंगे ? १
प्रश्न ७-
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध करिए – २
क – राचनात्मक ख
–आप-पास
ग- शिकषित घ- संसकृति
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