Tuesday, 14 March 2017

                              अपठित गद्यांश १७ 
भारत में ही नहीं बल्कि भारत से बाहर भी राम लोकप्रिय हैं | राम के जीवन पर आधारित न जाने कितने ही ग्रन्थ भारत में तो मिल ही जाएँगे अपितु विश्वभर में भी इनकी संख्या कम नहीं है | राम एक लोकप्रिय जननायक हैं | भारत में तो जनमानस के प्राण हैं | राम के जीवन की  एक-एक घटना बड़ी  ही महत्त्वपूर्ण है , इसीलिए तो हर वर्ष भारत में रामलीला का आयोजन किया जाता है | राम कथा का पाठ होता है | राम जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से आयोजित किया जाता है | हर बालक में माँ को राम-कृष्ण की छवि दिखती है | हर माँ का सपना होता है कि उनका बेटा राम जैसा आज्ञाकारी हो | राम की सौगंध लेकर स्वयं को निर्दोष सिद्ध करने की परम्परा भारत में प्रचलित है | एक दूसरे को अभिवादन करने के लिए राम-राम कहा जाता है | एक आदर्श चरित्र के रूप में राम की स्वीकृति भारत के बाहर भी है | रामलीलाएँ दक्षिणी और दक्षिणी-पूर्वी एशिया के लगभग सभी देशों में किसी न किसी रूप में दिखाई जाती हैं | कहीं कठपुतली के रूप में तो कहीं नृत्य-नाटिका के रूप में | इंडोनेशिया में सेन्द्रातारी रामायण बड़ी लोकप्रिय है | इंडोनेशिया के जावा के प्रम्बनान मंदिर में राम की यह लीला तक़रीबन साल भर चलती है | यह रामकथा पर आधारित एक नृत्य-नाटिका (बैले-डांस) है | इसमें एक समय में कलाकारों की संख्या दो सौ से भी ज्यादा हो जाती है | कभी-कभी आठ सौ तक हो जाती है | यहाँ भी भारत की भाँति सीता-हरण ,मारीचि वध आदि दृश्य दिखाए जाते हैं | फ्रा लाक फ्रा राम नाम का महाकाव्य बर्मा और चीन के बीच पड़ने वाले देश लाओस का राष्ट्रीय महाकाव्य है | इसकी कहानी भारतीय रामकथा से बहुत मिलती-जुलती है | फिजी में होने वाली रामलीला का वाल्मीकि रामायण एवं रामचरित मानस के जैसा  ही मंचन होता है | रामत्जांद्रे की लीला में डच प्रभाव के कारण सूरीनाम में भगवान् राम रामत्जांद्रे हो जाते हैं और सीता सियेता हो जाती हैं | रामायण के सभी पात्र जब  हिंदी और डच मिश्रित भाषा बोलते हैं तो एक अद्भुत वातावरण बन जाता है | सच ही कहा गया है कि राम हर जगह किसी न किसी रूप में व्याप्त हैं |
अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
प्रश्न १- राम का सम्बन्ध मुख्य रूप से किस देश से है ?
प्रश्न २- रामायण महाकाव्य की रचना किस कवि द्वारा की गई ?
प्रश्न ३- फ्रा लाक फ्रा राम  किस देश का राष्ट्रीय महाकाव्य है ?
प्रश्न ४- सेन्द्रतारी रामायण के बारे में तीन-चार  वाक्य लिखिए |
प्रश्न ५-इस गद्यांश को आप क्या नाम देना चाहते हैं ?
प्रश्न ६- डच भाषा के प्रभाव के कारण राम-सीता के बदले नाम क्या हैं तथा किस देश में इसका आयोजन होता है ? 
  
उत्तर-पत्र
    उत्तर-१ राम का सम्बन्ध मुख्य रूप से भारत से है |
उत्तर-२ रामायण महाकाव्य की रचना महाकवि वाल्मीकि द्वारा की गई |
उत्तर-३ फ्रा लाक फ्रा राम नाम का महाकाव्य बर्मा और चीन के बीच पड़ने वाले देश लाओस का राष्ट्रीय महाकाव्य है |
उत्तर-४ इंडोनेशिया के जावा के प्रम्बनान मंदिर में सेन्द्रतारी रामायण पर आधारित राम की यह लीला तक़रीबन साल भर चलती है | यह रामकथा पर आधारित एक नृत्य-नाटिका (बैले-डांस) है | इसमें एक समय में कलाकारों की संख्या दो सौ से भी ज्यादा हो जाती है | कभी-कभी आठ सौ तक हो जाती है | यहाँ भी भारत की भाँति सीता-हरण ,मारीचि वध आदि दृश्य दिखाए जाते हैं |

उत्तर-५ इस गद्यांश को मैं रामलीला नाम देना चाहता /चाहती हूँ |
उत्तर-६ रामत्जांद्रे की लीला में डच प्रभाव के कारण सूरीनाम में भगवान् राम रामत्जांद्रे हो जाते हैं और सीता सियेता हो जाती हैं |




Thursday, 9 March 2017

                                अपठित १६ 


मनुष्य के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत आवश्यक है | लक्ष्य के बिना जीवन दिशाहीन तथा व्यर्थ ही है | एक बार एक दिशाहीन युवा आगे बढ़े जा रहा था ,राह  में महात्मा जी की कुटिया देख रूककर महात्मा जी से पूछने लगा कि यह रास्ता कहाँ जाता है | महात्मा जी ने पूछा “ तुम कहाँ जाना चाहते हो “| युवक ने कहा “ मैं नहीं जानता मुझे कहाँ जाना है “| महात्मा जी ने कहा “जब तुम्हें पता ही नहीं है कि तुम्हें कहाँ जाना है , तो यह रास्ता कहीं भी जाए ,इससे तुम्हें क्या फर्क पड़ेगा “| कहने का मतलब है कि बिना लक्ष्य के जीवन में इधर-उधर भटकते रहिये कुछ भी प्राप्त नहीं कर पाओगे | यदि कुछ करना चाहते तो पहले अपना एक लक्ष्य बनाओ और उस पर कार्य करो| अपनी राह स्वयं बनाओ | वास्तव में जीवन उसी का सार्थक है जिसमें परिस्थितियों को बदलने का साहस है | गांधीजी कहते थे कुछ न करने से अच्छा है ,कुछ करना | जो कुछ करता है वही सफल-असफल होता है | हमारा लक्ष्य कुछ भी हो सकता है , क्योंकि हर इंसान की अपनी-अपनी क्षमता होती है और उसी के अनुसार वह लक्ष्य निर्धारित करता है | जैसे विद्यार्थी का लक्ष्य है सर्वाधिक अंक प्राप्त करना तो नौकरी करने वालों का लक्ष्य होगा पदोन्नति प्राप्त करना | इसी तरह किसी महिला का लक्ष्य आत्मनिर्भर होना हो सकता है | ऐसा मानना है कि हर मनुष्य को बड़ा लक्ष्य बनाना चाहिए किन्तु बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाने चाहिए | जब हम छोटे लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं तो बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने का हममें आत्मविश्वास आ जाता है | स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि जीवन में एक ही लक्ष्य बनाओ और दिन-रात उसी के बारे में सोचो | स्वप्न में भी तुम्हें वही लक्ष्य दिखाई देना चाहिए , उसे पूरा करने की एक धुन सवार हो जानी चाहिए | बस सफलता आपको मिली ही समझो | सच तो यह है कि जब आप कोई काम करते हैं तो यह जरुरी नहीं कि सफलता मिले ही लेकिन असफलता से भी घबराना नहीं चाहिए | इस बारे में स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं कि हजार बार प्रयास करने के बाद भी यदि आप हार कर गिर पड़ें तो एक बार पुनः उठें और प्रयास करें | हमें लक्ष्य प्राप्ति तक स्वयं पर विश्वास रखना चाहिए |


अपठित को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

प्रश्न १ युवक कहाँ जा रहा था ? राह में उसे कौन मिला ?

प्रश्न २- युवक तथा महात्मा जी के संवाद को अपने शब्दों में लिखें |

प्रश्न ३- विद्यार्थी एवं किसी महिला का क्या लक्ष्य हो सकता है ?

प्रश्न ४-मनुष्य का लक्ष्य कैसा होना चाहिय तथा उसके लिए उसके क्या प्रयास होने चाहिए ?

प्रश्न ५ -लक्ष्य प्राप्ति के बारे में विवेकानंद जी के क्या विचार हैं ?

उत्तर पत्र

उत्तर १- एक युवक दिशाहीन चला जा रहा था | रास्ते में उसे कुटिया में महात्मा जी मिले |

उत्तर २- युवक ने महात्मा जी से पूछा कि यह रास्ता कहाँ जाता है | महात्मा जी ने युवक से प्रश्न किया कि तुम्हें कहाँ जाना है | युवक ने कहा कि उसे नहीं पता कि उसे कहाँ जाना है |

उत्तर ३-विद्यार्थी का लक्ष्य सर्वाधिक अंक प्राप्त करना तथा किसी महिला का लक्ष्य आत्मनिर्भर बनना हो सकता है |

उत्तर ४ – मनुष्य का लक्ष्य हमेशा बड़ा होना चाहिए और बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर उसकी प्राप्ति के लिए प्रयास करा चाहिए | जब हम छोटे लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं तो हममें आत्मविश्वास आ जाता है |

उत्तर ५-लक्ष्य प्राप्ति के बारे में स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि हजार बार प्रयास करने के बाद भी यदि आप हार कर गिर पड़ें तो एक बार पुनः उठें और प्रयास करें | हमें लक्ष्य प्राप्ति तक स्वयं पर विश्वास रखना चाहिए |
  


Friday, 3 March 2017

                                       अपठित १५ 


जैसे हिन्दुओं का त्यौहार दीपावली कई दिन का त्यौहार होता है ,उसी प्रकार ईसाइयों का त्यौहार क्रिसमस भी एक दिन का नहीं बल्कि कई दिनों तक मनाया जाने वाला त्यौहार है |इसकी तैयारियाँ तो नौ दिन पहले शुरू हो जाती हैं |इसे नोवेना कहते हैं |इनमें हर दिन नई-नई प्रार्थनाएँ की जाती हैं| हर रात एक मोमबत्ती जलाकर यानि हनुक्का मनाया जाता है | इस प्रकार यह त्यौहार नए साल तक मनाया जाता है |क्रिसमस पर गाए जाने वाले कैरोल की शुरुआत हजारों साल पहले यूरोप में हुई थी , तब ये क्रिसमस कैरोल नहीं बल्कि काव्य कथा होती थी | जिनके द्वारा लोग मदर मैरी और जीसस की कहानियाँ बताते थे | पहले क्रिसमस को मनाने की तारीख को लेकर काफी मतभेद थे, किन्तु रोम के बिशप जूलियन प्रथम ने सन ३५० में नए कैलेंडर के हिसाब से २५ दिसम्बर को क्रिसमस मनाने की घोषणा कर दी | तब से यह सिलसिला जारी है|दुनिया भर में क्रिसमस मनाने का सबका अपना-अपना अलग-अलग तरीका है | फ़्रांस में छह दिसम्बर से ही उत्सव शुरू हो जाता है | बाजार सज जाते हैं ,चौकलेट और तोहफों की भरमार होती है |ब्रिटेन में बच्चे गिफ्ट की लिस्ट बना कर आग में जलाते हैं | यह माना जाता है कि   यह कागज जलकर चिमनी से होता हुआ नॉर्थ पोल तक जाता है | जहाँ सांता की गिफ्ट फैक्ट्री है | जर्मनी में बच्चे सांता को बुलाने के लिए विश लिस्ट को रंग-बिरंगा सजाते हैं | वहीँ स्पेन में तोहफों की आस में बच्चे मोज़े नहीं बल्कि जूते टाँगते हैं | फिलिपीन्स के लोग कागज और बांस से बनी तारे के आकार की लालटेन से सजावट करते हैं | बच्चों को क्रिसमस ट्री सजाने का तोहफा १९वीं शताब्दी में मिला था | सब सोचते हैं कि क्या सच में सांता और उसके रेनडियरस नॉर्थ पोल से आते हैं | बात यह है कि चौथी शताब्दी में टर्की के एक बिशप थे संत निकोलस वे पता लगाते थे कि किस बच्चे ने अच्छा कार्य किया है , जिसे उपहार दिया जाए | इसके बाद ये चोगा पहनकर निकलते थे और बच्चों को उपहार देते थे | इस प्रकार सांता क्लॉज खूब प्रसिद्ध हो गए |

अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

प्रश्न १- हिन्दुओं के प्रसिद्ध त्यौहार का नाम बताइए |

प्रश्न २- नोवेना क्या है ? बताएँ |

प्रश्न ३-कैरोल की शुरुआत कहाँ से हुई पहले इसका क्या रूप था ?

प्रश्न ४ - ब्रिटेन में बच्चे क्रिसमस कैसे मनाते हैं ?

प्रश्न ५- उपरोक्त अनुच्छेद का उचित शीर्षक लिखिए |

उत्तर पत्र

उत्तर १ – हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्यौहार दीपावली है |

उत्तर २-क्रिसमस की तैयारियाँ नौ दिन पहले आरम्भ हो जाती हैं , इसमें हर दिन नई -नई प्रार्थनाएँ की जाती हैं | इसे नोवेना कहते हैं |

उत्तर ३-कैरोल की शुरुआत यूरोप से हुई | पहले यह काव्य-कथा होती थीं | जिनके द्वारा लोग मदर मैरी तथा जीसस की कहानियाँ बताते थे |

उत्तर ४- ब्रिटेन में बच्चे गिफ्ट की लिस्ट बना कर आग में जलाते हैं | यह माना जाता है कि   यह कागज जलकर चिमनी से होता हुआ नॉर्थ पोल तक जाता है | जहाँ सांता की गिफ्ट फैक्ट्री है |


उत्तर ५- क्रिसमस का त्यौहार |