Tuesday, 14 May 2019

                                                अपठित गदयांश ४२ 
हम कार्यरत हैं और उस कार्य में सफलता नहीं मिलती है तो हम हताश होकर कह उठते हैं कि ऐसा होना मेरे भाग्य में नहीं थाअतः हमारा यह कार्य पूर्ण नहीं हुआ | हम भाग्य को दोष देने लगते हैं और भाग्य को ही सर्वोपरि रखते हैं जबकि कुछ लोग कर्म को ही प्रधान मानते हैं, वे कहते हैं कि कर्म से बढ़कर कुछ नहीं | एक पौराणिक प्रसंग के अनुसार एक बार नारद जी भगवान श्री हरि के पास वैकुंठधाम गए | श्री हरि ने उन्हें आया देख उनका प्रणाम स्वीकार कर आने का कारण पूछा | बड़े विचलित थे नारद जी  उन्होंने कहा प्रभु ऐसा क्यों होता है कि सत्य के मार्ग पर चलने वालों का भला नहीं होता जबकि बुरे कर्म करने वालों का भला होता है’| श्री हरि ने कहा- ऐसा नहीं है, देवर्षि! जो होता है सब नियति के कारण होता है, आपने ऐसा क्या देख लिया’| तब मानस पुत्र ने भगवान विष्णु से कहा “मैंने आज जंगल में दल-दल में फँसी एक गाय को देखा , उसको बाहर निकालने में कोई सहायता नहीं कर रहा था, एक चोर वहाँ से गुजरा  गाय को बाहर निकालने के बजाय वह उसके ऊपर पैर रख कर ही चला गया और इतना ही नहीं प्रभु आगे जाकर उसे स्वर्ण मुद्राओं से भरी एक थैली मिली | थोड़ी देर में वहाँ से एक साधु गुजरा उसने गाय को बाहर निकाला किन्तु यह क्या भगवन वह आगे जाकर एक गड्ढे में गिर गया | यह कौन सा न्याय है ? नारायण !” | तब लक्ष्मीपति ने देवर्षि से कहा , जिस चोर को स्वर्ण मुद्राएँ मिली उसकी किस्मत में बड़ा खजाना था, किन्तु इस पाप के कारण उसे नहीं मिला, जबकि साधु ने पुण्य करके अपनी मृत्यु को टाल दिया और  गड्ढे में गिरकर उसकी मृत्यु छोटी सी चोट में परिवर्तित हो गई | अब तो आपको यह विश्वास हो गया होगा कि मनुष्य के कर्मों से ही उसके भाग्य की रूपरेखा बनती है | अतः हर मनुष्य को केवल अपना कर्म करना  चाहिए , भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए | जैसा कि श्री कृष्ण द्वारा गीता में भी कहा गया है कर्मण्यकाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन | सच में कर्म हमारे हाथों की लकीरों को बदल देते हैं  |
प्रश्न १ कर्मण्यकाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन यह उक्ति किसने कही है , तथा यह किस भाषा में है ?

प्रश्न २ मनुष्य को सफलता न मिले तो वह किसे दोष देता है ?

प्रश्न ३ इस गदयांश में किसके बीच वार्तालाप हो रही है ? उनके नाम लिखिये -

प्रश्न ४ निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिये -

न्याय                 पाप                  मृत्यु                 बुरे


प्रश्न ५ निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिये –

नारद               हरि

प्रश्न ६ वाक्य पूरा कीजिए- मनुष्य के     से ही उसके        की रूपरेखा बनती है

प्रश्न ७ निम्नलिखित शब्दों में अ उपसर्ग लगाकर विलोम शब्द बनाइए –

सत्य                 सफलता               विश्वास               पूर्ण

प्रश्न ८ पूर्व ज्ञान के आधार पर बताइए कि श्री कृष्ण ने गीता किसे सुनाई थी ?

प्रश्न ९ हमें पशुओं के प्रति कैसा व्यवहार करना चाहिए ?

प्रश्न १० गदयांश को उचित शीर्षक दीजिए -

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