Monday, 27 June 2016

                      अपठित गद्यांश ९
रंग -बिरंगे फूल  किसका मन नहीं मोह लेते I अर्थात फूल  सभी को   प्रिय होते हैं I जब कभी हम फूलों से भरे बगीचे के समीप से गुजर रहे होते हैं  तो फूलों की सुगंध हमें बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है I फूलों  को हम  अन्य नामो से भी  पुकारते हैं - पुष्प,सुमन ,कुसुम एवं प्रसून आदि इसी प्रकार फूल कई तरह के होते हैं  जैसे- गुलाब , बेला,चमेली गेंदा आदि फूल हमारे जीवन में अपना विशिष्ठ स्थान रखते हैं -जन्मोत्सव हो अथवा विवाह , पूजा का अवसर हो या किसी के स्वागत की तैयारी , किसी  त्योहार पर रंगोली बनानी हो या भगवान के लिए माला अथवा गहने हमें फूलों की आवश्यकता होती है I क्या आप जानते हैं क़ि हम लोग जिस  सुगन्धित  इत्र का प्रयोग करते हैं वह भी फूलो से बनता है I गुलाब के फूलों का गुलकंद बनता है जो हमारे शरीर को ठंडक देता है गुलाब के रस से गुलाब जल बनता है जो आँखों के लिए बड़ा लाभकारी है I तो देखा आपने फूल किस प्रकार हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग हैं I हाँ ,एक विशेष बात  फूलों की, कि ये बिना किसी भेद -भाव के अपनी सुगंध सबको देते हैं I इनके लिए न कोई छोटा है न बड़ा , न कोई गरीब है न अमीर - फूल सबको अपनी सुगंध बिना शर्त बाँटते हैं I

प्रश्न-१ - ऊपर लिखे अनुच्छेद को आप क्या नाम (शीर्षक ) देना चाहेंगे ?
प्रश्न-२- फूलों के कोई  अन्य  दो नाम लिखिए  I   
प्रश्न-३- फूलों को हम किस-किस उपयोग में लाते हैं ?
प्रश्न-४-गुलाब के फूल से क्या-क्या बनता है ?
प्रश्न -५-जो फूल आपको पसंद हो उसका नाम लिखिए  I

                   उत्तर पत्र
उत्तर १- मैं अनुच्छेद को "रंग -बिरंगे फूलनाम (शीर्षक ) देना चाहती /चाहता हूँ 
उत्तर-२-फूलों के कोई अन्य दो नाम "पुष्प और सुमन" हैं I
उत्तर ३-रंगोली,इत्र,गुलाब जल,माला अथवा गहने, गुलकंद आदि बनाने के उपयोग में लाते हैं |
उत्तर ४-गुलाब के फूल से गुलाब जल,गुलकंद आदि बनता है |  
उत्तर -५ मुझे गुलाब बेला,चमेली आदि फूल पसंद हैं |
                               अपठित गद्यांश



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                                                                उत्तर पत्र 
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mRrj 2&tks O;fDr fdlh dh fuank djrk gS] og fo”oluh; ugha gksrkA
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mRrj 4&“kCnksa ds vFkZ gSa & fuank का अर्थ है& बुराई ,ln~xq.k का अर्थ है&अच्छे गुणA
mRrj 5&गद्यांश से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए बल्कि हमारे मन में वसुधैव कुटुम्बकम की  भावना होनी चाहिए | 

अपठित गद्यांश
बच्चों क्या आपने कभी ऐसा पक्षी देखा है जिसके सिर पर  मोर की ही तरह  मुकुट होता है जी हाँ मुकुट ! इसके पंख ही इसके   मुकुट की तरह होते हैं | यह पक्षी इस्रायल का राष्ट्रीय पक्षी है | इसका नाम भी थोड़ा अजीब सा है "हुदहुद "| यह तितली की तरह उड़ान भरता है| यह अपने पंखों को इकठ्ठा करे जोर से छोड़ता है | इसकी चोंच लम्बी और काफी मजबूत होती है| भोजन की तलाश में यह अपनी चोंच धरती में गड़ा देता है और शिकार मिलने पर धरती के अंदर ही  चोंच खोलकर शिकार को पकड़कर खा जाता है | यह कई प्रकार के वातावरण में रह सकता है | ठन्डे हो या गर्म क्षेत्र यह सभी जगह आसानी से रह सकता है | हुदहुद का एक नाम और है हुप्पी| यह नाम इसकी आवाज के कारण ही पड़ा है | इसका भोजन छोटे-छोटे कीट ,जमीन के अंदर रहने वाले केंचुआ ,कीट आदि हैं| यह खुले जंगलों में, शहर में पार्कों के आसपास देख जा सकता है| यह अपना घोंसला पेड़ों की खोल ,कोटर तथा पत्थरों की दरारों के बीच में बनाता है | इसके अंडे से जब तक चूजे नहीं निकलते मादा पक्षी घोंसले में रहकर अण्डों की रक्षा करती है | नर पक्षी उसके लिए खाना लाता है|  शिकारियों से बचने के लिए ये घोंसले  के  आसपास बदबू फैला लेते हैं |
प्रश्न- इस्रायल के राष्ट्रीय पक्षी का क्या नाम है ?
प्रश्न - इस पक्षी की उड़ान किसकी तरह होती है ?
प्रश्न -यह अपना घोंसला कहाँ -कहाँ बना सकता है ?
प्रश्न -इसका भोजन क्या है ?
प्रश्न -शिकारियों से बचने के लिए यह क्या उपाय करता है ?
                                                                  उत्तर पत्र 

 उत्तर- इस्रायल का राष्ट्रीय पक्षी "हुदहुद " है |
 उत्तर- इस पक्षी की उड़ान तितली की तरह होती है |
 उत्तर -यह अपना घोंसला पेड़ों की खोल ,कोटर तथा पत्थरों की दरारों के बीच में बनाता है |
 उत्तर -इसका भोजन छोटे-छोटे कीट ,जमीन के अंदर रहने वाले केंचुआ ,कीट आदि हैं|
 उत्तर -शिकारियों से बचने के लिए ये घोंसले  के  आसपास बदबू फैला लेते हैं |
                                                                 अपठित गद्यांश ६ 


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है | माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी| इस कारण इसे नवसंवतसर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है | आज भले ही नववर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है किन्तु हमारे देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक  कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही प्रधानता दी जाती है | उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है | विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में ५७ ईसा पूर्व शुरू किया था | विक्रम संवत  का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से होकर पूरे विश्व की प्रकृति , खगोलीय सिद्धांत , ग्रहों और नक्षत्रों से है| इसी लिए भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती है | सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल ,उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन  ,महीने ,साल आधारित होते हैं| वसंत ऋतु में नववर्ष का आरम्भ इसलिए भी आनंददायक है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है | रंग -बिरंगे सुगन्धित फूलों की छटा अनुपम होती है ,जो धरा को अलौकिक सौंदर्य प्रदान करती है | कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता है| कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व ( नवरात्र ), उगादी - (युग का प्रारम्भ )आंध्र प्रदेश में  इसे दीपावली की तरह मनाते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के नाम से मनाते हैं , सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद ( चैत्र का चाँद ) के नाम से पुकारते हैं  एवं जम्मू -कश्मीर में नवरेह के नाम से मनाया जाता है|
प्रश्न - भारतीय नववर्ष का आरम्भ किस माह से होता है ?
प्रश्न  - विक्रम संवत का आरम्भ कब तथा किसने किया था ?
प्रश्न - ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना कब की थी ?
प्रश्न -चेती चाँद का दूसरा नाम क्या है ?
प्रश्न - गद्यांश से दो संज्ञा शब्द तथा दो विशेषण शब्द ढूंढकर लिखिए
                                    उत्तर पत्र 
उत्तर -भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है |
उत्तर -विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में ५७
       ईसा पूर्व शुरू किया था |
 उत्तर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में की थी |
 उत्तर -चेती चाँद का दूसरा नाम चैत्र का चाँद  है |
 उत्तर संज्ञा शब्द -१- ब्रह्मा -कश्मीर
               विशेषण शब्द १-सुंदर -अलौकिक 

Friday, 24 June 2016

                                           अपठित गद्यांश  ५ 
भारत को यदि हम त्योहारों का देश कहें तो अनुचित नहीं होगा | हमारे देश में वर्ष भर त्योहारों की धूम मची रहती है | हर बदलते मौसम के साथ ही कोई न कोई त्योहार अवश्य मनाया जाता है | ये त्योहार एक ओर हमें ऋतु परिवर्तन का सन्देश देते हैं तो दूसरी ओर उसके स्वागत हेतु हममें उत्साह-उमंग का संचार करते  हैं | कुछ त्योहार धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं | ये सभी हमें एकता , प्रेम , भाई-चारा एवं सौहार्द का सन्देश देते हैं| वैसे भी हमारे देश में लगभग सभी धर्मों के निवासी हैं|  भारत में सभी धर्मों को सम्मान प्राप्त है | सभी धर्मों के अनुयायियों को अपना धर्म पालन की पूर्ण स्वतंत्रता है| यही कारण है कि सभी त्योहारों को पूरा देश मिलजुलकर प्रसन्नता से मनाता है | हमारे देश के कुछ प्रमुख त्योहार हैं- होली ,दीपावली ,दशहरा ,रक्षाबंधन ,जन्माष्टमी,रामनवमी ,ईद,क्रिसमस गुरपुरब,महावीर जयंती आदि | दीपावली यदि हलकी ठंडक के साथ आरम्भ होकर शीत ऋतु के आगमन की सूचना देता है , तो रामनवमी ग्रीष्मऋतु की सूचना देता है| मकर संक्रांति एवं लोहड़ी  का त्योहार शीत ऋतु की समाप्ति तथा वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है|  इस प्रकार हर त्योहार किसी न किसी ऋतु के जुड़ा हुआ है|बच्चों के लिए मनाया जाने वाला त्योहार बाल-दिवस है जो  हमारे स्वतंत्र देश के प्रथम प्रधानमंत्री चाचा नेहरू के जन्मदिन पर बच्चों को समर्पित है| हमारे तीन राष्ट्रीय त्योहार हैं -१ स्वतंत्रता दिवस -यह १५ अगस्त को मनाया जाता है | सन् १९४७ में हमें इसी दिन आजादी मिली थी| २-गणतंत्र दिवस - सन् १९५० में हमें पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त हुई थी | हमारा संविधान बना था | ३- गांधी जयंती -यह हमारे राष्ट्रपिता बापू को समर्पित है |इस प्रकार हमारा देश सचमुच त्योहारों का देश है |
प्रश्न १- हमारे देश का क्या नाम है ?
प्रश्न २- हमारे देश में वर्षभर किसकी धूम रहती है ?
प्रश्न ३- दीपावली का त्योहार हमें किस ऋतु के आगमन की सूचना देता है ?
प्रश्न ४- गुरुपुरब किस धर्म के लोग मानते हैं ?
प्रश्न ५- हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं ?
प्रश्न ६ -नेहरू जी का जन्मदिन हम किस रूप में मनाते है ?
प्रश्न ७ -हम गणतंत्र दिवस क्यों मानते हैं  ?
प्रश्न -गद्यांश आए संयुक्ताक्षरों से कोई दो चुनकर लिखिए |
प्रश्न ९-गद्यांश से चुनकर दो सर्वनाम शब्द लिखिए ?
प्रश्न  १० - गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए ?