Monday, 27 June 2016

                                                                 अपठित गद्यांश ६ 


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है | माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी| इस कारण इसे नवसंवतसर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है | आज भले ही नववर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है किन्तु हमारे देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक  कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही प्रधानता दी जाती है | उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है | विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में ५७ ईसा पूर्व शुरू किया था | विक्रम संवत  का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से होकर पूरे विश्व की प्रकृति , खगोलीय सिद्धांत , ग्रहों और नक्षत्रों से है| इसी लिए भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती है | सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल ,उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन  ,महीने ,साल आधारित होते हैं| वसंत ऋतु में नववर्ष का आरम्भ इसलिए भी आनंददायक है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है | रंग -बिरंगे सुगन्धित फूलों की छटा अनुपम होती है ,जो धरा को अलौकिक सौंदर्य प्रदान करती है | कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता है| कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व ( नवरात्र ), उगादी - (युग का प्रारम्भ )आंध्र प्रदेश में  इसे दीपावली की तरह मनाते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के नाम से मनाते हैं , सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद ( चैत्र का चाँद ) के नाम से पुकारते हैं  एवं जम्मू -कश्मीर में नवरेह के नाम से मनाया जाता है|
प्रश्न - भारतीय नववर्ष का आरम्भ किस माह से होता है ?
प्रश्न  - विक्रम संवत का आरम्भ कब तथा किसने किया था ?
प्रश्न - ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना कब की थी ?
प्रश्न -चेती चाँद का दूसरा नाम क्या है ?
प्रश्न - गद्यांश से दो संज्ञा शब्द तथा दो विशेषण शब्द ढूंढकर लिखिए
                                    उत्तर पत्र 
उत्तर -भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है |
उत्तर -विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में ५७
       ईसा पूर्व शुरू किया था |
 उत्तर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में की थी |
 उत्तर -चेती चाँद का दूसरा नाम चैत्र का चाँद  है |
 उत्तर संज्ञा शब्द -१- ब्रह्मा -कश्मीर
               विशेषण शब्द १-सुंदर -अलौकिक 

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