अपठित गद्यांश ४
महेश एक स्वस्थ
किन्तु निर्धन युवक था | निर्धनता के कारण
उसकी पढ़ाई बचपन में ही अधूरी रह गई थी| वह अपने परिवार का भरण -पोषण मजदूरी करके जैसे-तैसे करता था
| कई दिनों से उसे
काम नहीं मिल रहा था | वह अत्यन्त निराश
था | कई बार उसने सोचा कि वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर ले | यह विचार आते ही
उसकी आँखों के सामने उसके परिवार के भूखे -प्यासे सदस्यों के चेहरे आ जाते और वह
उनके लिए जीने का संकल्प कर काम की तलाश में जुट जाता | वह काम की तलाश
में भटक ही रहा था कि उसने समूह में जाते हुए लोगों को बातचीत करते हुए सुना | उसे पता लगा कि
कोई बहुत बड़े संत ने पुराने बरगद के नीचे आसान लगाया है |
वे सबकी समस्याओं का समाधान चुटकी बजाते ही कर देते हैं | महेश के मन में
आशा की किरण जागी | वह तेज क़दमों से
भीड़ के साथ चलने लगा | वहाँ पहुँचकर वह
शांत भाव से बैठकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करने लगा | उसकी प्रतीक्षा
समाप्त हुई |उसकी समस्या को
जानने के लिए संत जी ने उसे बुलाकर उसकी बात सुनी और उसे अपना गधा दे दिया | महेश ने ह्रदय से
उन्हें धन्यवाद दिया और वहाँ से गधा लेकर चल पड़ा | वह बड़ा प्रसन्न था कि इस गधे पर वह ईंट ,रोड़ी आदि ढ़ो कर
काम को जल्दी समाप्त कर इसकी सवारी कर शीघ्र ही घर पहुँच जाया करेगा | ये विचार उसके मन
को गुदगुदा रहे थे कि अचानक गधा गिर पड़ा और मर गया | महेश को बड़ा दुःख हुआ किन्तु वह करता भी क्या
उसने तुरंत गड्ढा खोदकर गधे को दबा दिया और वहीं बैठकर रोने लगा | एक सेठ वहाँ से
जा रहा था | महेश को उस कब्र
के पास रोता देख उन्होंने सोचा कि कोई दिव्य आत्मा चल बसी है ,ये सोचकर
उन्होंने सिर झुका कर कुछ पैसे चढ़ा दिए | महेश कुछ बोलता इससे पहले वहाँ पैसे चढ़ाने वालों की भीड़ लग
गई | घबराए महेश ने
सारी बात संत जी को बताई |
संत ने महेश को
समझाया कि कोई बात नहीं शायद भगवान् की यही मर्जी मर्जी थी |" जो गधा जीते जी
तेरी मदद नहीं कर पाया उसने मरकर तेरी सहायता की है | अब इस पैसे से
कोई काम शुरू कर और लाभ होने पर पैसों को भलाई के कार्य में लगाना|"
प्रश्न १-महेश कैसा युवक था , उसकी पढाई किस कारण छूट गई थी ?
प्रश्न २-वह अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करता था?
प्रश्न ३-मजदूरी न मिलने पर उसके मन में क्या विचार आया ?
प्रश्न ४ -मदद शब्द का समानार्थी शब्द गद्यांश से ढूंढकर
लिखिए |
प्रश्न ५- गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |
उत्तर
उत्तर १-महेश एक स्वस्थ किन्तु निर्धन युवक था | निर्धनता के कारण उसकी पढ़ाई बचपन में ही अधूरी रह गई थी|
उत्तर २-वह अपने परिवार का भरण -पोषण मजदूरी करके जैसे-तैसे करता था |
उत्तर ३-मजदूरी न मिलने पर उसके मन में विचार आया कि वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर ले |
उत्तर ४-सहायता
उत्तर ५-ईमानदार महेश ,परिश्रमी महेश , सच्चा महेश |
उत्तर १-महेश एक स्वस्थ किन्तु निर्धन युवक था | निर्धनता के कारण उसकी पढ़ाई बचपन में ही अधूरी रह गई थी|
उत्तर २-वह अपने परिवार का भरण -पोषण मजदूरी करके जैसे-तैसे करता था |
उत्तर ३-मजदूरी न मिलने पर उसके मन में विचार आया कि वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर ले |
उत्तर ४-सहायता
उत्तर ५-ईमानदार महेश ,परिश्रमी महेश , सच्चा महेश |
very helpful site
ReplyDeleteकृपया कुछ अपठित पद्यांश भी बताइए |
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